दोस्तों क्या आप भी Goat farming business करना चाहते है यदि हा, तो यह पूरा ब्लॉग आपके लिए हम आपको यहा पर a to z जानकारी आपके साथ साझा कर रहे है
जिसमे हम आपको बकरी पालन कैसे करे से लेकर बकरी पालन में होने वाला फायदा जैसे हर टॉपिक को कवर किया है उम्मीद है की आप इसे इंजॉय करेंगे

आप देश के किसी भी कोने से हो आपको यह पूरा बिज़नेस प्लान बहुत ही उपयोगी साबित होगा आप चाहे marathi language के हो, या फिर goat farming in kerala में करना चाहते हो या आप चाहे goat farm maharashtra में खोलना चाहते हो
Table of Contents
- 1 Goat farming business plan in hindi
- 2 बकरी की नस्ल या प्रकार (Indian Goat breeds/Types)
- 3 bakri palan project report
- 4 Goat farm profit calculator
- 5 Goat farm shed design pdf
- 6 Floor space requirements
- 7 Floor space requirement per animal (BIS standard)
- 8 Feeding and watering space requirement
- 9 Dimensions of different sheds in a sheep and goat farm
- 10 Goat farming training institute
- 11 Goat farming investment
- 12 Goat purchasing cost
- 13 Required Equipment for goat farming
- 14 Feeding cost of (100+4) goats and kids
- 15 Monthly Expenses
- 16 Sale of Animals
- 17 Goat farming cost and profit
- 18 Profit
- 19 Reproduction
- 20 Goat farming business Government scheme
- 21 Feed for Goat farming business
- 22 बकरियों में पाए जाने वाले रोग और उपचार
- 23 Goat farming business Registration
- 24 Goat farming business Scope
- 25 सावधानिया ( Precaution for Goat farming business )
- 26 Top Most Asked Q&A Goat farming business
- 26.1 बकरी फार्म शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? (How much money do you need to start a goat farm?)
- 26.2 बकरी पालन के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता है? (How much land is required for goat farming? )
- 26.3 बकरी फार्म शुरू करने के लिए आपको कितने बकरों की आवश्यकता है? (How many goats do you need to start a goat farm?)
- 26.4 क्या बकरी पालन में पैसा है? (Is there money in goat farming?)
- 26.5 क्या बकरियां एक अच्छा निवेश हैं? (Are goats a good investment? )
- 26.6 बकरियां अचानक क्यों मर जाती हैं? (Why do goats die suddenly?)
- 26.7 एक बकरा कितना बिकता है? (How much does a goat sell for?)
- 26.8 बकरी पालन के नुकसान क्या हैं? (What are the disadvantages of goat farming?)
- 26.9 आप “ Goat farming business ” पर अपने सुझाव Comment करें
- 27 Most Top 10 Business Ideas in hindi
Goat farming business plan in hindi
दोस्तों आपको सबसे पहले यह तय करना होगा की आप किस तरह की बकरियों का पालन करके अपना बकरी पालन का बिज़नेस करना चाहते है, हम आपको यहाँ कुछ निम्न व्यवसायो के बारे में बता रहे है जिनमे से किसी एक बिज़नेस को चुन कर आप च्छी कमाई कर सकते है
- दुग्ध व्यवसाय के लिए बकरी पालन (bakri palan)
- मांस व्यवसाय के लिए बकरी पालन
- बाल और खाल का व्यवसाय करने हेतु बकरी पालन
- या फिर इन सभी के लिए बकरी पालन
आप इनमे से किसी भी प्रकार के बकरी पालन का चुनाव कर सकते है आप जिस तरह के व्यवसाय को करना चाहते है
ठीक उसी तरह के बकरियों का पालन भी करना होगा जैसे की दुग्ध व्यवसाय (Dairy business) हेतु आपको अत्यधिक दूध देने वाली बकरियों को पालना चाहिए
दोस्तों आज हम इन सभी प्रकार के व्यवसाय की बकरी पालन के बारे में चर्चा करेंगे
बकरी की नस्ल या प्रकार (Indian Goat breeds/Types)
दोस्तों बकरी पालन बिज़नेस (Goat farming business) में आपका सबसे पहला कदम है की आप किस नस्ल की बकरी का चुनाव करते है
यदि आप अच्छी नस्ल की बकरी का चुनवा करेंगे तो आप अच्छा मुनाफा (profitable goat farming) कमाएंगे और अगर आप अच्छे नसल की बकरी का चुनाव नहीं करते है तो, आपको बिज़नेस में कम फायदा या नुक्सान भी हो सकता है
वैसे हमारे भारत में मुख्य रूप से 20 नस्लों की बकरिया पायी जाती है किन्तु इन सभी नसलो की उप नस्ले सैकड़ो की संख्या में है तो, हम आपको यहाँ (Goat farm information in Hindi) पर कुछ ऐसे नस्लों के नस्लों के बारे में बता रहे है जो की बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है
1. सिरोही(sirohi)
इस प्रजाति की बकरिया गुजरात और राजस्थान में पायी जाती है इनका उपयोग दूध और मांस के लिए किया जाता है इस नसल की बकरिया दूध कम देती है
इनका बाल बहुत बड़ा होता है जोकि हर साल 3 Cm तक बढ़ता है ये बकरिया साल में दो बार प्रजनन करती है जन्म के समय बच्चे का वजन 3 kg तक होता है
ज्यादातर बकरिया एक बार में दो बच्चो को जन्म देती है किन्तु ऐसी बकरिया केवल 70% तक ही पायी जाती है बाकी की 30% बकरिया सिंगल बच्चे को जन्म देती है
2. जमुनापारी (jamunapari)
जमुनापारी नस्ल की बकरिया उत्तर प्रदेश (UP) में पायी जाती है यह बकरिया भारत की सबसे अच्छी बड़ी बकरियों की नस्ल में से एक है
इस नस्ल की बकरियों की पहचान उनके छोटे सींग और उनके लम्बे कान जो की 8 से लेकर 9 इंच तक लम्बे होते है
इस तरह की बकरिया साल में केवल एक बार ही प्रजनन कराती है जो की दो बच्चो को जन्म देती है किन्तु यह भी केवल 70 प्रतिशत तक ही बकरिया देती है
इन बकरियों का उपयोग मांस और दूध का व्यवसाय करने हेतु किया जाता है यह बकरिया एक दिन में 3 लीटर तक दूध आसानी से देती है
3. बर्बरी या बाबरी (Barbari)
यह बकरी को बर्बरी या बाबरी बकरी कहा जाता है यह मुख्य रूप से अफ्रीका में पायी जाने वाली बकरी है और भारत में यह बकरी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पायी जाती है
इन बकरी की कीमत (barbari goat price) कम होती है जो की सामान्यता 5000 रुपये तक होती है
यह बकरी आकर में छोटी होती है इनके कान भी छोटे होते है जो की खड़े रहते है इनके शरीर के बाल भी छोटे होते है ,इन बकरियों का पालन दूध और मांश के लिए किया जाता है, यह बकरिया रोज 2 किलो दूध देती है
यह साल में दो बार प्रजाना कराती है एक बार में यह 2 से 3 बच्चो को जन्म देती है
4. बोआरा (boara)
boara नस्ल की बकरिया भारत में बहुत ही कम पायी जाती है यह बकरिया भारत में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु , राजस्थान में पायी जाती है, किन्तु इन सभी इलाको में इनकी संख्या बहुत ही कम है यह मुख्या रूप से अफ्रीका में पायी जाने वाली बकरिया है
यह मांस के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती है इनका उपयोग भी मांस और दूध के लिए ही करते है यह बकरिया बहुत ही कम समय में 30 से 35 किलोग्राम की हो जाती
यह साल में कई बार प्रजनन कर करती है और यह बकरिया अन्य बकरियों की तुलना काफी महँगी भी होती है
5. झाकरण (jhakaran)
यह ज़्यदातर राजस्थान में मिलती है इन बकरियों में दूध और मांस अन्य बकरियों की तुलना में बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता है यह बकरिया एक दिन में तीन लीटर दूध देने में सामर्थ्य रखती है
बकरिया बहुत ही अधिक तेजी से बढ़ती है और यह साल में 1 बार प्रजनन कराती है यह दो बच्चे एक बार में जन्मती है इन बकरियों का मांस बहुत ही अधिक लोक प्रिय होता है
यह बकरिया महँगी होती है
6. औस्मनावादी
इस तरह की बकरिया भारत में कर्नाटका , महाराष्ट्र ,तेलंगना में पायी जाती है , यह बकरिया महँगी होती है क्युकी इनका मांस बहुत ही पसंद किया जाता है
यह बकरिया साल में तीन बार प्रजनन कराती है, और प्रत्येक बार दो बच्चो को जन्म देती है यह बकरिया एक दिन में एक लीटर से भी अधिक मात्रा में दूध देती है
7. सुरति (surti)
सुरति नस्ल की बकरिया गुजरात के सूरत में अधिक पायी जाती है जिसके वजह से इनका नाम सुरति पड़ा यह भारत के कुछ ही राज्यों में पायी जाती है
यह बकरिया देखने में छोटे कद की होती है , इनके बाल चमकीले और छोटे होते है इनके कान भी छोटे और खड़े होते है यह बकरिया घरो में पाली जाती है क्युकी यह बकरिया ज्यादा चलने में सछम नहीं होती है
यह बकरिया अन्य बकरियों की तुलना में अधिक दूध देती है, यह एक बार में लगभग दो किलो ग्रामं तक दूध दे देती है यह बकरिया बहुत ही लोकप्रिय होती है
8. बीतल (beetal)
यह बकरिया भारत देश के पंजाब और हरियाणा में पायी जाती है जो की देखने में जमुनापारी बकरी की तरह होती है किन्तु इनका शरीर का वजन जमुना पारी से कम होता है
यह बकरिया साल में एक बार ही प्रजनन कराती है और औसतन 1 से 2 बच्चो को जन्म देती है , यह बकरिया भी 2 KG तक दूध देने में समर्थ होती है
इस नस्ल के बकरे ढाढ़ीदार होते है जबकि बकरिया नहीं
9. सोजत (sojat)
यह बकरिया राजस्थान में पायी जाती है जो की बहुत ही अधिक मात्रा में दूध देती है इनका शरीर भी बहुत ही कम समय में विकसित हो जाता है , यह बकरिया आम तौर पर Goat farming के लिए इस्तेमाल की जाती है
यह देखने में बड़े आकर की और इनका रंग अक्सर सफ़ेद होता है, यह बकरिया सात महीने में एक बार प्रजनन कराती है
10. ब्लैक बंगाल
इस नस्ल की बकरिया भारत में आसाम , पशिचम बंगाल , उड़ीसा में पायी जाती है यह वर्ष में दो बार प्रजनन कराती है और यह साल में चार बच्चे देती है
ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियों का शरीर मोटा और सींघ आगे की और निकला होता है इन बकरियों का मांस मीठ और स्वादिस्ट होता है, जिसकी वजह से इनकी मांग और कीमत दोनों ही बहुत अधिक है
bakri palan project report
bakri palan project report की जरुरत आपको तब होती है जब बकरी पालन शुरू करने जा रहे होते है या फिर आप bakri palan के लिए लोन लेना चाहते है
हम आपको 100 बकरी और 5 बकरे का प्रोजेक्ट रिपोर्ट (goat farming project report ) दे रहे है जो की नीचे लिंक में क्लिक करने पर मिल जायेगा इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट को आप बैंक में भी लोन (goat farming project report for bank loan)लेने के लिए इस्तेमाल कर सकते है
- For 100 Goat farming project report Download in excel & Pdf
- For 50 Goat farming project report Download in excel & Pdf
किन्तु ध्यान रहे आपको लोन लेने के लिए आपका प्रोजेक्ट रिपोर्ट CA के द्वारा ही बनवाना होगा जो की मान्य भी हो गए
Goat farm profit calculator
goat farm profit calculator आपको सभी तरह की लागत जैसे फीड पर होने वाला खर्च, जगह और अन्य खर्चो को जोड़ कर आपको होने वाले प्रॉफिट की गणना करके आपको रिजल्ट दे देता है
हम आपको यह goat farm profit calculator का लिंक दे रहे है जिसे आप इस्तेमाल कर अपने निवेश और प्रॉफिट की गणना आसानी से कर सकेंगे
Goat farm shed design pdf
कम लागत वाली आवास सामग्री के साथ सरल शेड का प्रावधान (goat farm shed layout) भेड़ (sheep) और बकरी के लिए इसकी इष्टतम उत्पादन क्षमता के लिए पर्याप्त है।
मिट्टी के फर्श वाले शेड देश के अधिकांश हिस्सों के लिए उपयुक्त हैं, जहां उच्च वर्षा देखी जाती है।पानी के ठहराव को रोकने के लिए एक ऊंचे क्षेत्र में शेड का निर्माण किया जाना चाहिए।
Goat farm shed design pdf Download
शेड के चारों ओर चारे के पेड़ उगाए जा सकते हैं, जो बढ़ती बकरियों के लिए चारा का स्रोत है।बकरियों के लिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होना चाहिए।
Goat farm shed का निर्माण उचित वेंटिलेशन के साथ किया जाना चाहिए। शेड के दीवारों को निर्माण करते समय दरार या छेद से मुक्त होना चाहिए।
शेड के फर्श मज़बूत होने चाहिए और उनमें पानी सोखने की क्षमता होनी चाहिए। फर्श का निर्माण इस तरह से किया जाना चाहिए, ताकि इसे आसानी से साफ किया जाए।
shed के प्रकार रियरिंग की प्रणाली पर निर्भर करते हैं।एक कवर क्षेत्र और रन स्पेस के साथ ओपन टाइप हाउसिंग आमतौर पर पर्याप्त है।
- रन स्पेस को चेन लिंक द्वारा कवर किया जाना चाहिए।
- ढका हुआ क्षेत्र रात और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में जानवरों के आश्रय के लिए उपयोग किया जाता है।
- फर्श को सुखाने के लिए वेंटिलेशन / एयर आंदोलन के लिए उदार प्रावधान के साथ एक आरामदायक घर पूर्व-पश्चिम अभिविन्यास के लिए उपयुक्त होगा।
- सस्ती लागत और स्थायित्व के कारण थटेड छत सबसे उपयुक्त है।
- हालांकि आवर्ती लागत को कम करने के लिए संगठित खेतों के लिए नालीदार एस्बेस्टस शीट का भी उपयोग किया जा सकता है और अब टिकाऊपन है।
- गैबल छत आमतौर पर पसंद की जाती है।
- छोटे शेड्स से लेकर टाइपिंग छत तक की सलाह दी जाती है।
- जब जानवरों को दिन के समय चराई के लिए ले जाया जाता है और केवल रात के दौरान आश्रय लिया जाता है, तो कवर स्थान पर्याप्त होगा।
- जब जानवरों को गहनता से रखा जाता है, तो आवास की कलम और रन प्रणाली उपयुक्त होती है।
- आश्रय की लंबाई के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है, हालांकि शेड की चौड़ाई 12 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और आश्रय की इष्टतम चौड़ाई 8 मीटर है।
- ईवे की ऊंचाई 2.5 मीटर और रिज की ऊंचाई 3.5 मीटर होनी चाहिए।
- खुली जगह के लिए उपयोग की जाने वाली चेन लिंक की ऊंचाई 4 फीट होनी चाहिए। ओवरहांग की लंबाई 75 सेमी – 1 मीटर होनी चाहिए।
- अलग-अलग फीडर और पानी के कुंडों को ध्यान केंद्रित फ़ीड, हरा चारा और पानी के लिए रखा जाना चाहिए।
Floor space requirements
Recommended floor space requirements for Indian conditions
Age groups | Covered space(sq.m) | Open space (sq.m) |
Up to 3 months | 0.2-0.25 | 0.4-0.5 |
3 months to 6 months | 0.5-0.75 | 1.0-1.5 |
6 months to 12 months | 0.75-1.0 | 1.5-2.0 |
Adult animal | 1.5 | 3.0 |
Male, Pregnant or lactating ewe/ doe | 1.5-2.0 | 3.0- 4.0 |
Floor space requirement per animal (BIS standard)
Types of animals | Minimum floor space per animal (59.m) |
Ram or buck in groups | 1.8 |
Ram or buck – individual | 3.2 |
Lambs or kids – in group | 0.4 |
Weaner in groups | 0.8 |
yearling or goatlings | 0.9 |
Ewe or doe in groups | 1.0 |
Ewe with lamb | 1.5 |

Feeding and watering space requirement
Type of animal | Space per animal (cm) | Width of manger/ water trough(cm) | Depth of manger/ water trough (cm) | Height of inner wall of manger/ water trough (cm) |
Sheep and goat | 40 – 50 | 50 | 30 | 35 |
Kid/lamb | 30 – 35 | 50 | 20 | 25 |
Dimensions of different sheds in a sheep and goat farm
Name of the shed | lx w x h (m) | No. of animals Housed | Remarks |
Ewe/ doe shed | 15 x 4 x 3 | 60 | – |
Ram/ Buck shed | 4 x 2.5 x 3 | 8 | Make partition length wise |
Lamb/ kid shed | 7.5 x 4 x 3 | 75 | Make partition width wise |
Lambing/ kidding shed | 1.5 x 1.2 x 3 | 1 | Provide manger and waterer |
Isolation / sick animal shed | 3 x 2 x 3 | 1 | Provide proper ventilation and bedding materials |
Shearing shed | 6 x 2.5 x 3 | 1 | Make arrangement for storage of wool |
Shepherd house | 6 x 4 x 3 | – | It should be located nearer to flock |
Milch doe shed | 1.2 x 0.8 x 3 | 1 | – |
Goat farming training institute
यदि आप बकरी पालन का व्यवसाय (goat farming business)करना चाहते है तो आपको प्रशिछण (Training) जरूर लेना चाहिए जहा से आपको बिज़नेस के बारे पूरी जानकारी दी जाती है जैसे की बकरी के चारे में गुणवत्ता कैसे लाये
उनमे होने वाली बीमारी तथा उपचार कैसे करे किस तरह की बकरी का उपयोग किस चीज में लाना चाहिए इत्यादि बातो की जानकारी मिलती है जो की यह अहम् जानकारी भी होती है
हम आपको नीचे भारत के कुछ टॉप इंस्टिट्यूट (Some of the top institutes in India) के बारे में बता रहे है जहा से आप कुछ महीनो का प्रशिछण मिल जाता है
- Sheep farming, Goat farming in Karnataka, Sheep farming, Goat farming in Bangalore
- Goat Farming Service
- Sheep & Goat Training
- State Livestock Breeding Training Centre
- goat farming training in Hyderabad
Goat farming investment
हम 100 बकरी और 4 बकरा का जो की सिरोही नस्ल की बकरियो का निवेश की गणना कर रहे है जो की कुछ इस तरह से है
Goat purchasing cost
Weight of goat | 210 rs per kg | Cost of 1 Goat | Cost |
weight of 1 does is 30 kg | 30×210 | 6300 | 6300×100 =630000 |
weight of 1 buck is 35 kg | 35×210 | 7350 | 7350×4 = 29400 |
Goat purcha- sing cost | 659400 |
Goats | Goats x Area need per goat | Area sqft | Cost (200 rs per sqft) |
100 Does (10sqft per does) | 100×10 | 1000 sqft | 1000×200 =200000 |
4 bucks (15sqft per buck) | 4×15 | 60 sqft | 60 x 200 =12000 |
130 kids (5sqft per kid) | 130×5 | 650 sqft | 650×200 =130000 |
30 bucks (15sqft per buck) | 30 x 15 | 450 sqft | 450×200 =90000 |
Total space | 2010 sqft | ||
Total cost of shed | 432000 Rs |
Required Equipment for goat farming
Names | Number | cost |
Chaff cutter | 1 | 20000 |
Feeders, 1000 rs per feeder | 1000 x 5 | 5000 |
water pots, 200 rs per pots | 200 x 5 | 1000 |
Total cost of equipments | 26000 |
Feeding cost of (100+4) goats and kids
Description | GoatxRs xdays | Cost of feed |
104 Adult goat feed 10 Rs per day for 14 months or 425 days | 104x10x 425 | 442000 |
129 kids goat feed 6 RS per day for 4 months or 120 days (2 months on milk feeding) After 6 months they are ready for sale | 129x 6x 120 | 92880 |
29 kids save for Eid & feed them for remaining 6 months 180 days with 10 Rs per day feed cost | 29x10x 180 | 52200 |
Total cost of Feed | 587080 |
Monthly Expenses
Names | Number | Cost |
Vaccine & medical charges 20 Rs per goat. 104 goats with kids 104+258 =362 | 362 x 20 | 7240 |
Labors wages 5000 Rs per month, 1 labor is enough for 100 goats. | 5000 x 12 | 60000 |
Water & Electricity | 500 x 12 | 6000 |
Other expenses | 3000 | 3000 |
Monthly expenses Total cost | 76240 |
Sale of Animals
No. of kids for sale | Kids x goat weight x sale weight | Cost |
1st crop | ||
100 kids of 6 months with an average weight of 20 kg is ready for sale in 210 rs per kg | 100x20x210 | 420000 |
29 bucks of 12 months with average weight of 50 kg is for sale on Eid, is for sale in 320 Rs per kg | 29x50x320 | 464000 |
2nd crop | ||
100 kids of 6 months with average weight of 20 kg is ready for sale in 210 rs per kg | 100x20x210 | 420000 |
Manure of goats in 1 year | 8000 | |
Total sale of Animal cost | 1312000 |
Goat farming cost and profit
investment = Goat purchasing cost + Cost of shed + Equipments
Fixed Investment = 649400 + 432000 + 26000
Total Fixed investment = 1107400 Rs
Profit
Total profit = Total sale of Animal cost – (total cost of feed + total monthly expenses )
Profit = 1312000 – ( 587080 + 76240 )
Total Profit = 1312000 – 663320
Profit = 648680 Rs
Reproduction
1st crop | kids | Mortality | remai- ning kids |
60% of goats giving twins, 60% of 90 goats, is 54 | 54×2 =108 | 10% mortality 11 kids dead 108-11 =97 | 97 |
40% of goats giving single kid, 40% of 90 goats is 36 kids | 36×1 =36 | 10% mortality 4 kids dead 36-4 =32 | 32 |
Total kids (in 7 months) | 129 kids | ||
2nd crop | |||
60% of goats giving twins, 60% of 90 goats is 54 | 54 x 2 =108 | 10 % mortality 11 kids dead 108-11 =97 | 97 |
40% of goats giving single kid, 40% of 90 goats is 36 kids | 36 x 1 =36 | 10% mortality 4 kids is dead 36-4 =32 | 32 |
Total kids (in 7 months) | 129 kids | ||
Total kids in 14 months | 258 |
Goat farming business Government scheme
किसानों के बीच बकरी पालन व्यवसाय (goat farming business) को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार कई ऋण और सब्सिडी योजनाओं के साथ आई है।
बकरी की खेती मौसम और पर्यावरण पर निर्भर है और यही कारण है कि बकरी की खेती मुख्य रूप से उड़ीसा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु ( Orissa, Jharkhand, Uttar Pradesh, West Bengal, Bihar, Maharashtra, Madhya Pradesh, Rajasthan, Andhra Pradesh, Karnataka, Telangana and, Tamil Nadu ) राज्यों में की जाती है।
सरकार ने बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमियों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं और सब्सिडी शुरू की है। वित्तीय संस्थानों की सहायता से शुरू की गई कुछ प्रमुख योजनाओं और सब्सिडी में निम्नलिखित शामिल हैं:
Feed for Goat farming business
यदि आप अपने बकरी पालन को फलता फूलता देखना चाहते है तो आपको यह सबसे ज्यादा जरुरी है की आप अपने बकरियों को समय समय पर उन्हें पोषित आहार देते रहे
हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे नीचे बता रहे है जो की उनमे से एक है
1. प्रोटीन
बकरियों के शरीर के विकास में प्रोटीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है प्रोटीन की भरपाई के लिए आप अपने बकरियों को दलहनी जैसे बरसीम , राजमा , और लोबिया एक निश्चित मात्रा में समयानुसार दे सकते है
2. कार्बोहइड्रेट
कार्बोहाइड्रेट का उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है आप अपनी बकरियों को गेहू , चावल , मक्का इत्यादि भूसे में मिला कर खिला सकते ै
3. वसा
वसा का भी काम पशुओं को ऊर्जा प्रदान करना ही होता है किन्तु ध्यान रहे इसकी जरा सी भी अधिक मात्रा पशु को नुक्सान भी दे सकती है इसलिए बिना पशु विशेषज्ञ से जानकारी लिए आप इसे न ही दे तो अच्छा रहेगा
3. विटामिन्स और खनिज लवण (Vitamins)
यह जानवर की प्रजनन छमता और शारीरिक छमता को बनाये रखने में बहुत ही अधिक उपयोगी होते है
बकरियों में पाए जाने वाले रोग और उपचार
Goat में निम्न लिखित बीमारियां होने के आसार होते है किन्तु यदि आप उनका सही से ख्याल रखते है तो आप इन बीमारियों से अपनी बकरियों को आसानी से बचा लेंगे
बकरियों में पायी जानी वाली बीमारियां कुछ इस तरह से है
- निमोनिया
- जहरीले दस्त (enterotoxemia)
- फुट रौट (खुरो का रोग )
- संक्रमित गर्भपात (brucellosis)
- तिल्ली ज्वर
- गलघोटू
- रोकथाम
- जोन्स रोग
- थनैला रोग
इन सभी बिमारियों से बचने के लिए आपको अपने सभी बकरियों को पशु विशेष्ज्ञ को जरूर दिखाना चाहिए और उनसे समय समय पर टीके जरूर लगवाए
बकरियों को वैज्ञानिक विधि से ही पालन करे(Goat farming business with scientific method only ).
Goat farming business Registration
आप अपने इस नए बिज़नेस को यदि पंजीकरण करनवाने चाहते है तो आपको अपने शहर के नजदीकी DSC यानी जिला उद्योग केंद्र से करवा सकते है
किन्तु यदि आप खुद से करना चाहते है तो आप उद्योग आधार (Udyog adhaar) के जरिये भी अपने बिज़नेस को रजिस्टर करवा सकते है
यदि आप अपने इस बिज़नेस का पंजीकरण (Business registration) करवा लेते है तो आपको भारत सरकार के सभी स्कीम में फायदा (Benefit of the scheme) आसानी से मिल जायेगा जिसके लिए आपको अपने बिज़नेस का पंजीकरण करवाना जरुरी होता है
Goat farming business Scope
निम्नलिखित कारणों से goat farming in india की जबरदस्त गुंजाइश और क्षमता है:
- भारतीय जनसंख्या का 80% से अधिक मांस खाने वाले हैं।
- लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है और खपत पैटर्न में एक अलग बदलाव है, नॉन-वेज अब आहार का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है।
- मटन चिकन या beaf / पोर्क से अधिक लोगों द्वारा पसंद किया जाता है (एक चयनित अनुभाग द्वारा उत्पादित)
- मटन की उपलब्धता मांग से कम है।
- इसमें छोटे निवेश (small investment )की आवश्यकता होती है और यह dairy की तुलना में व्यावसायिक प्रस्ताव के लिए उतना जोखिम भरा नहीं है।
- उपर्युक्त कारणों से बकरियों / बकरे के मांस की बिक्री कभी भी एक समस्या नहीं है।
निर्यात क्षमता (Export capacity)
निर्यात का दायरा भी बहुत बड़ा है, हालांकि विदेशों (Overseas) में बकरे के मांस (Goat meat ) को बेचने के लिए संबंधित राष्ट्रों की सख्त फाइटोसैनेटिक स्थितियों और मानकों का पालन करना पड़ता है। निर्यात में रुचि रखने वालों के लिए APEDA की यह कड़ी उपयोगी होगी,
सावधानिया ( Precaution for Goat farming business )
किसी भी बिज़नेस को सफल, करने के लिए कुछ बातो का विशेष ध्यान रखना होता है जिसके बाद आपको उस बिज़नेस से अच्छा लाभ (profit) मिलता है
ठीक उसी तरह से आपको इस बिज़नेस में भी कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ (important points)पर ध्यान देना होगा जैसे
- समय समय पर दवा
- समय पर भोजन
- पानी
- सही रख रखाव इत्यादि
- उन्हें किसी भी तरह के घातक जानवरो से दूर रखे
Top Most Asked Q&A Goat farming business
बकरी फार्म शुरू करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? (How much money do you need to start a goat farm?)
बकरी फार्म खोलने के लिए कितना पैसा चाहिए? यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बकरियों से शुरू करते हैं। एक अच्छी तरह से नस्ल बकरी अपनी उम्र के आधार पर $ 75 से $ 200 तक कहीं भी जाएगी, और अगर यह मांस, डेयरी, या बकरी दिखाती है।
बकरी पालन के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता है? (How much land is required for goat farming? )
बकरी पालन के लिए भूमि की आवश्यकता, विकसित या पाले जाने वाली बकरियों की संख्या पर निर्भर करती है। आमतौर पर शेड निर्माण क्षेत्र सहित 500 बकरियों को उठाने के लिए दस एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है।
यदि आप बकरियों की एक न्यूनतम मात्रा के साथ शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उदाहरण के लिए, 50 बकरियों, तो उन्हें पालन के लिए 1 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है।
बकरी फार्म शुरू करने के लिए आपको कितने बकरों की आवश्यकता है? (How many goats do you need to start a goat farm?)
यह सिर्फ एक बकरी के लिए एक अच्छा विचार नहीं है, आपको न्यूनतम दो बकरियों की आवश्यकता है। यदि आप थोड़ा झुंड शुरू करने के लिए तैयार हैं, तो दो या एक डो और एक वेदर (एक न्यूटर्ड नर बकरी) या एक हिरन और एक डो। वे हुडदंग करते हैं और लंड खाते हैं, वे खाते हैं और वे साथ सोते हैं।
क्या बकरी पालन में पैसा है? (Is there money in goat farming?)
मांस बकरियों को उठाना एक लाभदायक लघु कृषि उद्यम हो सकता है। वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका में, बकरी के मांस की अधिक मांग है, जिसे आपूर्ति भी कहा जाता है।
क्या बकरियां एक अच्छा निवेश हैं? (Are goats a good investment? )
इस मामले का तथ्य यह है कि बकरियों को पालना बहुत लाभदायक हो सकता है। अधिकांश उत्तरी अमेरिकी किसान मवेशियों, सूअरों और मुर्गियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हालाँकि, बकरी बाजार में बड़े पैमाने पर और लोकप्रिय हो रहा है, बकरी के दूध और बकरी के मांस की मांग सालाना आधार पर बढ़ रही है।
बकरियां अचानक क्यों मर जाती हैं? (Why do goats die suddenly?)
एरलिचिया की वजह से बकरियों को हार्ट-वाटर की बीमारी होने की आशंका रहती है। यह बीमारी बकरियों को एक टिक काटने के माध्यम से फैलती है। यह बीमारी आमतौर पर तेजी से बढ़ती है कि बकरी अचानक गिर सकती है। संक्रमण से आक्षेप होता है, और यह बकरी की मृत्यु की ओर जाता है।
एक बकरा कितना बिकता है? (How much does a goat sell for?)
औसतन, सभी बकरी की नस्लों की विशिष्ट कीमत 7000 से 31000 तक होती है। मादा बकरियां, विशेषकर जो पहले से ही गर्भवती हैं, आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अधिक कीमत लेती हैं।
बकरी पालन के नुकसान क्या हैं? (What are the disadvantages of goat farming?)
भारत में बकरी पालन के मुख्य नुकसान नीचे सूचीबद्ध हैं।
- Traditional System
- Lack of Knowledge
- Inability to Choose Right Breed
- Starting Without Experience
- Lack of Vet Service
- Marketing Difficulties in Some Area
- Lack of Specially Designed Vehicles
- Lack of Capital.
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